अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं, सुख और समृद्धि के साथ.

अक्षय तृतीया: अनंत समृद्धि का प्रतीक

अक्षय तृतीया, एक ऐसा दिन जब सुख और समृद्धि की कामना की जाती है,
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।
यह दिन साड़ेतीन मुहूर्तों में से एक है, जब कोई भी नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है।

पौराणिक कथाएं और महत्व.

भगवान परशुराम का जन्मोत्सव, नर-नारायण की जयंती,
और भगवान बद्रीनाथ के मंदिर के कपाट खुलने का दिन भी यही है।
जैन धर्म में, यह दिन भगवान ऋषभदेव के पारण का दिन है,
जब उन्होंने 400 दिनों की तपस्या के बाद उसाचा रस ग्रहण किया था।

दान और पुण्य.

अक्षय तृतीया के दिन दान का विशेष महत्व है,
जल से भरे घड़े, पंखे, तांदूळ, नमक, घी, खरबूजा, ककड़ी और शक्कर का दान पुण्यकारी माना जाता है।
इस दिन किए गए दान और पुण्य का फल कभी क्षय नहीं होता,
इसलिए इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है।

सांस्कृतिक महत्व.

महाराष्ट्र में, यह दिन गौरी पूजन के साथ जुड़ा है,
जब महिलाएं हळदीकुंकू के लिए एकत्रित होती हैं।
ओडिशा में, यह दिन शेतकरी वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है,
जब वे लक्ष्मी देवता की पूजा करते हैं और नए धान्य की पेरणी करते हैं।

आपके जीवन में स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की कामना करता हूं,
अक्षय तृतीया के इस पावन अवसर पर,
भगवान परशुराम और लक्ष्मी नारायण की कृपा आप पर बनी रहे,
और आपके जीवन में कभी भी सुख और समृद्धि का क्षय न हो।

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